बालाकोट के बाद लश्कर-ए-तैयबा का दूसरा बेस भी तबाह, काल बनकर आतंकियों पर टूटे सुरक्षाबल, देखें यहां पूरी जानकारी
ब्रिगेडियर
जनरल मोहम्मद करीम नियाजी ने कहा, 'हमारे सुरक्षाबल इन आतंकियों के अड्डों
का सफाया करने में सक्षम हैं। हमने दर्जनों छोटे और भारी हथियार जब्त किए
हैं।' वहीं, अफगान बॉर्डर फोर्स के कमांडर मोहम्मद अयूब हुसैनखैल ने बताया,
'यहां जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। उनके पास उन्नत हथियार हैं। ये सेंटर अब
पूरी तरह से साफ कर दिए गए हैं।
नई दिल्ली। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आतंकी गिरोह लश्कर-ए-तैयबा के बालाकोट वाले अड्डे को भारतीय वायु सेना ने 12 दिन बाद ही नेस्तनाबूद कर दिया था। पुलवामा में हमला करने वाले आतंकियों ने इसी अड्डे पर ट्रेनिंग ली थी। पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने मुंह की खाने के बाद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अफगानिस्तान के नांगरहर में शिफ्ट कर दिया था। पाकिस्तानी फौज लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अफगानिस्तान में ठीक उसी तरह इस्तेमाल करती है जैसे वो भारत के कश्मीर में करती है। उसी लश्कर-ए-तैयबा के नांगरहर वाले बेस में बैठे आतंकियों पर अफगानी सुरक्षाबल काल बनकर टूटे और उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के अड्डे को ध्वस्त कर दिया।
इस
तरह पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर आतंक फैलाने वाले इस आतंकी गिरोह
की रीढ़ अफगानी सुरक्षाबलों ने तोड़ दी है। इस गिरोह का सरगना मौलाना मसूद
अजहर है। मसूद अजहर बालाकोट पर भारतीय वायु सेना के हमले से पहले ही
पाकिस्तानी आर्मी की कड़ी सुरक्षा में है। लगभग एक साल के भीतर
लश्कर-ए-तैयबा के दो बड़े ठिकाने ध्वस्त हो जाने से आईएसआई बुरी तरह बौखलाई
हुई है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि आईएसआई और पाकिस्तानी फौज
अब कश्मीर में बौखलाहट निकालने की कोशिश कर सकती है।
अफगानिस्तान के सैनिकों ने पूर्वी प्रांत नांगरहार में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को नष्ट कर दिया है। सेना के मुताबिक नांगरहार प्रांत के घोरकई इलाके में जैश के आतंकी 15 सालों से सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान ग्रुप का पाकिस्तानी सदस्य अरेस्ट किया गया है और बड़ी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं।
ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद करीम नियाजी ने कहा, ‘हमारे सुरक्षाबल इन आतंकियों के अड्डों का सफाया करने में सक्षम हैं। हमने दर्जनों छोटे और भारी हथियार जब्त किए हैं।’ वहीं, अफगान बॉर्डर फोर्स के कमांडर मोहम्मद अयूब हुसैनखैल ने बताया, ‘यहां जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। उनके पास उन्नत हथियार हैं। ये सेंटर अब पूरी तरह से साफ कर दिए गए हैं।’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही जैश सरगना मसूद अजहर को यूएन ने आतंकियों की सूची में डाल दिया था। 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस अटैक और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में जैश का हाथ रहा है। 2019 में पुलवामा में अटैक के बाद भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट्स ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बम गिरा कर उसे नष्ट कर दिया था। हाल ही में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड को तबाह कर दिया।
ऐसे में अफगानिस्तान में जैश के ठिकानों को नष्ट किया जाना भारत के लिए भी अच्छी खबर है। क्योंकि जैश के आतंकी अफगानिस्तान में भी भारत विरोधी अभियानों में संलिप्त पाए गए हैं। वहीं, अफगानिस्तान ने डुरंड लाइन से लगती हुए घोरकई इलाके को बंद कर दिया है जो कि तालीबान का सप्लाई रूट है।
नई दिल्ली। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आतंकी गिरोह लश्कर-ए-तैयबा के बालाकोट वाले अड्डे को भारतीय वायु सेना ने 12 दिन बाद ही नेस्तनाबूद कर दिया था। पुलवामा में हमला करने वाले आतंकियों ने इसी अड्डे पर ट्रेनिंग ली थी। पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने मुंह की खाने के बाद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अफगानिस्तान के नांगरहर में शिफ्ट कर दिया था। पाकिस्तानी फौज लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को अफगानिस्तान में ठीक उसी तरह इस्तेमाल करती है जैसे वो भारत के कश्मीर में करती है। उसी लश्कर-ए-तैयबा के नांगरहर वाले बेस में बैठे आतंकियों पर अफगानी सुरक्षाबल काल बनकर टूटे और उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के अड्डे को ध्वस्त कर दिया।
अफगानिस्तान के सैनिकों ने पूर्वी प्रांत नांगरहार में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को नष्ट कर दिया है। सेना के मुताबिक नांगरहार प्रांत के घोरकई इलाके में जैश के आतंकी 15 सालों से सक्रिय हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान ग्रुप का पाकिस्तानी सदस्य अरेस्ट किया गया है और बड़ी मात्रा में हथियार जब्त किए गए हैं।
ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद करीम नियाजी ने कहा, ‘हमारे सुरक्षाबल इन आतंकियों के अड्डों का सफाया करने में सक्षम हैं। हमने दर्जनों छोटे और भारी हथियार जब्त किए हैं।’ वहीं, अफगान बॉर्डर फोर्स के कमांडर मोहम्मद अयूब हुसैनखैल ने बताया, ‘यहां जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। उनके पास उन्नत हथियार हैं। ये सेंटर अब पूरी तरह से साफ कर दिए गए हैं।’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही जैश सरगना मसूद अजहर को यूएन ने आतंकियों की सूची में डाल दिया था। 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस अटैक और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले में जैश का हाथ रहा है। 2019 में पुलवामा में अटैक के बाद भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट्स ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बम गिरा कर उसे नष्ट कर दिया था। हाल ही में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ पीओके में आतंकियों के लॉन्च पैड को तबाह कर दिया।
ऐसे में अफगानिस्तान में जैश के ठिकानों को नष्ट किया जाना भारत के लिए भी अच्छी खबर है। क्योंकि जैश के आतंकी अफगानिस्तान में भी भारत विरोधी अभियानों में संलिप्त पाए गए हैं। वहीं, अफगानिस्तान ने डुरंड लाइन से लगती हुए घोरकई इलाके को बंद कर दिया है जो कि तालीबान का सप्लाई रूट है।