कोरोना पर केंद्र के साथ ममता बनर्जी की ठनी,

कोरोना पर केंद्र के साथ ममता बनर्जी की ठनी, केंद्रीय टीम भेजने का किया विरोध

कोरोना वायरस (Coronavirus) यानी कोविड 19 (Covid 19) को लेकर केंद्र के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ठनी गई है। राज्य में केंद्र की टीम को भेजे जाने का विरोध जताते हुए ममता बनर्जी ने विरोध जताते हुए ये पूछा है कि आखिर किस आधार पर टीम भेजी जा रही है? उन्होंने इस सिलसिले में पीएम मोदी को लेटर भी लिखा है।

 


नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) यानी कोविड 19 (Covid 19) को लेकर केंद्र के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ठनी गई है। राज्य में केंद्र की टीम को भेजे जाने का विरोध जताते हुए ममता बनर्जी ने विरोध जताते हुए ये पूछा है कि आखिर किस आधार पर टीम भेजी जा रही है? उन्होंने इस सिलसिले में पीएम मोदी को लेटर भी लिखा है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम यानि IMCT भेजने का फैसला लिया है। ये टीम राज्यों में कोरोना के जमीनी हालात और लॉकडाउन उल्लंघन की शिकायतों पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी। इसको लेकर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री से इसका आधार बताने की अपील करते हुए कहा है कि केंद्र टीम भेजने का जबतक आधार नहीं बताता है वो तबतक इस दिशा में आगे कोई कदम नहीं बढ़ा पाएंगी।

दरअसल केंद्र ने देश के 11 जिलों में इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम यानि IMCT भेजने का फैसला लिया है। जिसमें पश्चिम बंगाल के 7 जिले शामिल हैं। केंद्र ने राजस्थान में जयपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे, जबकि पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, नॉर्थ 24 परगना, मेदिनीपुर ईस्ट, जलपाईगुड़ी, दार्जलिंग और कैलिमपोंग में हालात ठीक नहीं बताते हुए वहां IMCT भेजने का फैसला किया है। और इसी को लेकर ममता बनर्जी ने इन जिलों को चुनने का आधार पूछा है।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के जिन जिलों में IMCT भेजना तय किया है, वहां कोरोना के मामलों की क्या स्थिति है। कोलकाता में 105 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जबकि हावड़ा में 62, नॉर्थ 24 परगना में 37 पॉजिटिव केस मिले हैं। तो मेदिनीपुर ईस्ट में 18 पॉजिटिव केस में 13 ठीक हो चुके हैं और अभी 5 का इलाज चल रहा है। जलपाईगुड़ी में कोरोना के 5 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं। तो दार्जिलिंग में 3 मरीज मिले हैं। वहीं कैलिमपोंग में कुल 11 मरीज मिले हैं। जिनमें से एक महिला की मौत हो गई। जबकि 4 ठीक हो चुके हैं और 6 का इलाज चल रहा है।

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Coronavirus: कोरोना से 1 लाख 70 हजार से ज्‍यादा मौत

Coronavirus: कोरोना से 1 लाख 70 हजार से ज्‍यादा मौत, देखें दुनिया में कहा-कितने केस

दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 170,000 के पार पहुंच गई है। यूनिवसिर्टी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) द्वारा आंकड़ों से पता चला है कि कुल 171,333लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी है, जबकि कोरोनो वायरस के मामलों की वैश्विक संख्या 2,498,480हो गई है।


ई दिल्‍ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 170,000 के पार पहुंच गई है। यूनिवसिर्टी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) द्वारा आंकड़ों से पता चला है कि कुल 171,333लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी है, जबकि कोरोनो वायरस के मामलों की वैश्विक संख्या 2,498,480हो गई है। हालांकि अच्‍छी खबर यह भी है कि इस महामारी से 657,832 लोग ठीक हो चुके हैं।
42,518 मौतों और 792,938 मामलों के साथ अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे अधिक मौत और संक्रमण के मामले हैं। 20,000 से अधिक मौतों वाले अन्य देश इटली (24,114), स्पेन (21,282) और फ्रांस (20,265) हैं।
इटली में सोमवार को पहली बार कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की गई। कोरोना के 204,178 मामलों के साथ स्पेन दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जबकि इटली 181,228 के साथ तीसरे स्थान पर है।









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अब जीत जाएंगे कोरोना से जंग

अब जीत जाएंगे कोरोना से जंग, अमेरिका ने ढूंढ निकाला वायरस का तोड़!

दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हैं, इसी बीच शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान कोविड-19 के मरीजों पर रेमडेसिवीर का काफी अच्छा असर हो रहा है और उसके परिणाम अच्छे हैं।
 


नई दिल्‍ली: दुनिया के ज्‍यादातर देश इस समय कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं। विश्‍व के सबसे शक्‍तिशाली देश अमेरिका में कोरोना ने सबसे ज्‍यादा कहर मचाया हुआ है। यहां पर इस बीमारी से संक्रमित लोगों की तादाद 8 लाख के करीब पहुंच गई है, जबकि इससे मरने वालों की संख्‍या भी 40 हजार के पार हो गई है। हालांकि अब अमेरिका ने कोरोना का तोड़ ढूंढ निकाला है।
दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में लगे हैं, इसी बीच शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान कोविड-19 के मरीजों पर रेमडेसिवीर का काफी अच्छा असर हो रहा है और उसके परिणाम अच्छे हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस दवा के प्रभाव को जांचने के लिए अधिक ट्रायल करने की जरुरत बताई है।
अमेरिका के टेक्सास स्थित ह्यूस्टन मेथडिस्ट अस्पताल में कोरोना के शुरुआती दौर वाले मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया जाता है। जिसके बाद यह जानकारी मिली की दवा के शुरुआती परिणाम आशानजक हैं। इस दवा से को देने के बाद डॉक्‍टरों ने देखा कि यह कोरोना मरीजों की हालत को तेजी से बिगड़ने से रोकती है। इस साल की शुरुआत में ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इबोला के इलाज के लिए विकसित रेमडेसिवीर, कई सारे वायरस के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है।
चीन ने भी इस दवा को कोरोना से लड़ने के लिए कारागर बताया था। चीन ने कहा था कि रेमडेसिवीर सफलतापूर्वक कोरोना वायरस, सार्स-कोविड-2 को मनुष्य की कोशिकाओं में वृद्धि करने से रोक सकता है। इसके साथ ही ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को रेमडेसिवीर दिया गया और उसकी हालत में 24 घंटे के भीतर सुधार होने लगा।
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण बात यह है कि वह मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद जिस तरीके से अपनी संख्या में वृद्धि करता है। उसमें कहा गया है, इसी तरह कोविड-19 को अगर शुरुआती चरण में नहीं रोका गया तो वह व्यक्ति में श्वसन संबंधी परेशानी खड़ी कर सकता है और उसे वेंटिलेटर पर जाने को मजबूर कर सकता है। रेमडेसिवीर ने मानव कोशिका के भीतर कोरोना वायरस की वृद्धि को रोकने की क्षमता प्रदर्शित की है और अब मरीजों पर उसका क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।

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केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अपील

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अपील, रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही करें इबादत

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) यानी कोविड 19 (Covid 19) के संक्रमण के कारण देश में लॉकडाउन 2.0 (Lockdown) जारी है। इन सबके बीच देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है।



कुन्दन सिंह, नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) यानी कोविड 19 (Covid 19) के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए देश में लॉकडाउन 2.0 (Lockdown) जारी है। इन सबके बीच देश के सभी मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों एवं भारतीय मुस्लिम समाज ने संयुक्त रूप से 24 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने में घरों पर ही रह कर इबादत, इफ्तार एवं अन्य धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब हैं कि कोरोना के हालात में आने वाले रमजान में लोग सोशल डिस्टेंसिन को अपनाने और घरों में रहे इसी के लिए केंद्रीय माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में तमाम राज्य वक्फ बोर्डों ने सहमति जताई थी की रमजान के पवित्र महीने के दौरान कोरोना के कहर के चलते लागू लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे।
इसके अलावा मुख्तार अब्बास नकवी लगातार देश के विभिन्न मुस्लिम धर्म गुरुओं, धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क-संवाद कर रहे हैं। ज्ञात हो कि देश के विभिन्न वक्फ बोर्डों के अंतरगर्त 7 लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें, ईदगाह, दरगाह, इमामबाड़े एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थल हैं। सेंट्रल वक्क कौंसिल, राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) है।
साथ की केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि कोरोना के कहर के कारण रमजान के पवित्र महीने में धार्मिक, सार्वजनिक, व्यक्तिगत स्थलों पर लॉकडाउन, कर्फ्यू, सोशल डिस्टेंसिंग का प्रभावी ढंग से पालन करने एवं लोगों को अपने-अपने घरों पर ही रह कर इबादत आदि के लिए जागरूक करने के लिए देश के 30 से ज्यादा राज्य वक्फ बोर्डों ने मुस्लिम धर्म गुरुओं, इमामों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मुस्लिम समाज एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर काम शुरू कर दिया है। पूरा देश एकजुट हो कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।




 

Coronavirus: देशवासियों को राहत देने वाली हैं

Coronavirus: देशवासियों को राहत देने वाली हैं कोरोना को लेकर आई ये रिपोर्ट

देश में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोनावायरस रोगियों के ठीक होने की दर 17.48 फीसदी है और अभी तक कुल 3,548 रोगी ठीक हो चुके हैं।

 

नई दिल्‍ली: देश में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोनावायरस रोगियों के ठीक होने की दर 17.48 फीसदी है और अभी तक कुल 3,548 रोगी ठीक हो चुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि 1.24 करोड़ कोरोनावायरस योद्धा और स्वयंसेवक इस घायक वायरस को हराने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम पर लगे हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, अब तक देश में 19,162 पॉजिटिव मामले सामने हैं। वहीं अभी तक 3,548 लोग ठीक हो चुके हैं और कल (सोमवार) 705 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। हमारा रिकवरी प्रतिशत (ठीक होने की दर) 17.48 फीसदी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अभी तक 609 लोगों ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है, जबकि देश में फिलहाल कुल 15,005 सक्रिय मामले हैं। अगर कोरोना रोगियों के ठीक होने की दर पर गौर करें तो पता चलता है कि 15 अप्रैल को कुल 183 रोगी ठीक हुए, जबकि 16 अप्रैल को 260 और 17 अप्रैल को 243 रोगी ठीक हुए हैं।
इसके अलावा 18 अप्रैल को 239 रोगी ठीक हुए हैं, जबकि 19 अप्रैल को 316 और 20 अप्रैल को 705 रोगी संक्रमण से ठीक हुए हैं। एक ही दिन में सबसे अधिक रोगी 20 अप्रैल को ठीक हुए हैं, जो कि एक बेहतर संकेत माना जा सकता है।
देश में बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप के बीच डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी जी-जान से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इन सभी कोरोना वॉरियर्स के लिए मास्टर डेटाबेस बनाया गया है। कोविड-19 पर गठित अधिकार प्राप्त समूह के चेयरमैन अरविंद पांडा ने बताया कि कोविड-19 से लड़ने में लगे हुए कोरोना योद्धाओं का विवरण 20 श्रेणियों और 49 उप-श्रेणियों में दिया गया है। ये जानकारी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है।
वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के लिए अब तक देश में कुल 4,49,810 परीक्षण किए गए हैं, जबकि सोमवार को 35,852 नमूनों का परीक्षण किया गया है।

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टैक्सपेयर्स की मनुहार भी फटकार भी

टैक्सपेयर्स की मनुहार भी फटकार भी, और क्या खास है सीबीडीटी के ईमेल में, जानें यहां

आयकर विभाग ने यह मेल स्टार्टअप, कंपनियों और व्यक्तियों समेत 1.72 लाख करदाताओं को भेजा है। मेल में इन करदाताओं पर बकाया कर मांग के साथ-साथ उन्हें कर रिफंड करने का दावा भी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) 8 अप्रैल से करदाताओं को कोरोना महामारी की स्थिति में मदद के लिए तेजी से टैक्स रिफंड कर रहा है। उसने अब तक 14 लाख विभिन्न करदाताओं को 9,000 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर दिया है।

 


नई दिल्ली। कोरोना काल में राजस्व यानी इनकम टैक्स वसूली के लिए करदाताओं के नाम एक ईमेल जारी किया है। साथ ही यह भी कहा है कि इस मेल को किसी तरह का उत्पीड़न न माना जाये। मेल जारी करते हुए लिखा है यह पत्र सभी करदाताओं से उनके इनकम टैक्स रिफंड की जानकारी इकट्ठी करने के साथ ही यह पता लगाना है कि अभी कितने आयकरदाताओं ने अपना टैक्स निर्धारित तारीख तक नहीं भरा है। सीबीडीटी की ओर से भेजे गये ईमेल में कहा गया है कि आयकर विभाग आपसे टैक्स वसूली के साथ-साथ आपको आपक रिफंड देने के लिए प्रतिबद्ध है।
आयकर विभाग ने यह मेल स्टार्टअप, कंपनियों और व्यक्तियों समेत 1.72 लाख करदाताओं को भेजा है। मेल में इन करदाताओं पर बकाया कर मांग के साथ-साथ उन्हें कर रिफंड करने का दावा भी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) 8 अप्रैल से करदाताओं को कोरोना महामारी की स्थिति में मदद के लिए तेजी से टैक्स रिफंड कर रहा है। उसने अब तक 14 लाख विभिन्न करदाताओं को 9,000 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर दिया है।
इन करदाताओं में व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनियां, स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि उसने ई-मेल भेजकर उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा है, जिनका टैक्स रिफंड होना है पर उन पर बकाया कर मांग भी है।
कर विभाग ने यह भी कहा है कि इसे उत्पीड़न नहीं समझा जाना चहिए। बयान के अनुसार, ‘विभाग ने करदाताओं को एक अवसर दिया है। वे कर मांग का भुगतान कर सकते हैं या उक्त मांग की स्थिति के बारे में सूचना दे सकते हैं। समान रूप से सभी को इस प्रकार के ई-मेल या पत्र देने का मकसद करदाताओं को यह सूचना देता होता है कि उन पर कर बकाया है। साथ ही उन्हें अवसर दिया जाता है कि या तो वे कर मांग का भुगतान कर दें या फिर अगर उन्होंने पहले जमा कर दिया है तो उसका ब्योरा दें अथवा स्थिति स्पष्ट करें।’
सीबीडीटी ने कहा कि करदाताओं को लंबित मांग के बारे में जानकारी देनी है। उन्हें यह बताना है कि उसने संबंधित राशि का भुगतान कर दिया या अपीलीय/सक्षम प्राधिकरण ने उस पर रोक लगाई है ताकि विभाग उसे स्थगित कर दे और रिफंड राशि उसमें नहीं काटे। विभाग के अनुसार इसका उद्देश्य यह है कि इस मामले में वास्तविक स्थिति का पता लगाकर उचित कदम उठाया जा सके और बिना किसी देरी के स्टार्टअप समेत करदाताओं को रिफंड किया जा सके।

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