कोरोना संकटः राज्यों को आर्थिक मोर्चे पर उबारने के लिए कैप्टन ने पीएम मोदी को भेजे खास सुझाव
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने
केंद्र सरकार से कहा था कि कोरोना वायरस बहुत बड़ा संकट था और उससे निपटने
के लिए टोटल लॉक डाउन भी जरूरी था, लेकिन अब सबसे जरूरी राज्यों को
वित्तीय संकट से उबारना है। क्योंकि लॉक डाउन के कारण सारी व्यावसायिक और
औद्योगिक गतिविधियां ठप हो गयी हैं। सरकारी खर्चों की पूर्ति के लिए
राज्यों को बेल आउट पैकेज की आवश्यकता है। कैप्टन ने राज्यों को आर्थिक
संकट से उबारने के लिए त्रिआयामी रणनीति का सुझाव भी पेश किया है।
कैप्टन
अमरिंदर सिंह ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत भी लिखा
जिसमें उन्होंने पूरी रणनीति का खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है कि 15वें
वित्त आयोग के पिछले साल के अनुमानों, जिसमें घरेलू विकास दर में सात
प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था, के मुकाबले राज्यों को इस
बार बहुत कम राजस्व मिलने की हालत में 2020-21 के लिए इसकी अंतरिम रिपोर्ट
की फिर समीक्षा की जाये। घरेलू विकास दर में शून्य विकास का जिक्र करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विश्लेषक नकारात्मक विकास की बात कर रहे हैं।
कैप्टन
ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह 15वें वित्त आयोग को अपनी अंतिम
रिपोर्ट सौंपने का समय अक्तूबर 2021 तक टालने की हिदायत दें, ताकि राज्य
अगले पांच सालों में अर्थव्यवस्था के संभावित विकास का सही मूल्यांकन करने
के योग्य हो जाएं। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में राज्यों को स्वास्थ्य से
जुड़े अतिरिक्त खर्चों और मूलभूत राहत खर्चों से निपटने में सहायता प्रदान
करने के लिए तुरंत तीन महीने का विशेष वित्तीय सहायता पैकेज देने की मांग
की। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों को जरूरत के अनुसार स्थानीय समस्याओं
और जरूरतों के लिए इसका प्रयोग करने की छूट दी जानी चाहिए। प्रस्ताव के
अनुसार तीन महीने के पैकेज को विशेष कोविड-19 राजस्व अनुदान के विरुद्ध
एडजस्ट किया जा सकता है।
कैप्टन ने सुझाव दिया कि वित्त आयोग 2020-21
के लिए एक और अंतरिम रिपोर्ट बना सकता है। हालांकि 3 मई 2020 तक 40 दिनों
का लॉकडाउन कोविड -19 के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी था, परन्तु इसके
नतीजे के तौर पर बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सभी राज्य इस समय बहुत
गंभीर वित्तीय मुश्किलों में से गुजर रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा
है कि पंजाब के खजाने पर बड़ा बोझ पड़ रहा है। व्यापार, कारोबार और
उद्योगों के करीब-करीब बंद होने से राजस्व कम हो गया है और इस समय अत्यधिक
जरूरी स्वास्थ्य एवं राहत कार्यों के खर्चों के लिए बड़े स्तर पर फंड की
जरूरत है। कैप्टन ने आगे कहा कि 15वें वित्त आयोग को साल 2020-21 के लिए
विशेष कोविड-19 राजस्व अनुदान की सिफारिश करने की विनती की जाए। तीन आयामी
रणनीति के तीसरे स्तंभ के तौर पर उन्होंने राजस्व की कमी को पूरा करने के
लिए घाटे को बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया, जैसे अन्य देशों द्वारा किया जा
रहा था।