राज्य कड़े कदम उठा सकते हैं
राज्य कड़े कदम उठा सकते हैं, लेकिन केंद्र के दिशानिर्देशों को कमजोर नहीं कर सकते: गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को नये सिरे से पत्र लिखा है क्योंकि कुछ राज्य अपने दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं जो लॉकडाउन को कमजोर करने के समान हैं और इससे नागरिकों की सेहत को लेकर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय
ने सोमवार को कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कोरोना वायरस को फैलने से
रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी
दिशानिर्देशों में उल्लेखित कदमों से अधिक कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन
उन्हें कमजोर या हल्का नहीं कर सकते।
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला
श्रीवास्तव ने कहा कि गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को नये सिरे से पत्र
लिखा है क्योंकि कुछ राज्य अपने दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं जो लॉकडाउन को
कमजोर करने के समान हैं और इससे नागरिकों की सेहत को लेकर गंभीर परिणाम हो
सकते हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गृह मंत्रालय देश
में लॉकडाउन के हालात पर नियमित नजर रख रहा है। जहां भी लॉकडाउन का उल्लंघन
किया जा रहा है हम राज्य सरकारों के साथ तालमेल करते हुए उचित कार्रवाई कर
रहे हैं।’’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘कल गृह मंत्रालय ने राज्यों और
केंद्रशासित प्रदेशों को फिर से पत्र लिखा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत
उसके द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना है।’’ उन्होंने कहा,
‘‘राज्य अपनी स्थानीय स्थितियों के अनुसार और कड़े कदम उठा सकते हैं लेकिन
उन्हें कमजोर या हल्का नहीं कर सकते।’’
अधिकारी ने कहा कि यह पत्र लिखना अहम हो गया था
क्योंकि कुछ राज्यों में ऐसी सुविधाओं की अनुमति दी जा रही है जिनकी गृह
मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय
ने केरल सरकार को भी पत्र लिखा है और उसके द्वारा जारी निर्देशों को लेकर
चिंता प्रकट की है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को केरल के
मुख्य सचिव टॉम जोस को भेजे पत्र में लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए जारी
समेकित संशोधित दिशानिर्देशों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया। भल्ला ने हाल
ही में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी को भी रेखांकित किया कि सभी संबंधित
राज्य सरकारें, सार्वजनिक प्राधिकरण और इस देश के नागरिक - केंद्र द्वारा
सार्वजनिक सुरक्षा के हित में जारी निर्देशों और आदेशों का पूरी तरह से
पालन करेंगे।
श्रीवास्तव ने कहा कि केरल के आदेश में ऐसी कुछ
चीजों का उल्लेख है जो आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी गृह मंत्रालय के
निर्देशों का उल्लंघन करती हैं और लॉकडाउन को कमजोर करने के समान हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का
पालन होना चाहिए।
Coronavirus: राष्ट्रपति भवन के 100 कर्मचारी quarantine किए गए
Coronavirus: राष्ट्रपति भवन के 100 कर्मचारी quarantine किए गए
बताया जा रहा है कि एक सफाई कर्मचारी की सास कोरोना पीड़ित थी, सफाई कर्मचारी उनसे मिलने अस्पताल गया था और उस महिला के निधन के बाद अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था।
राष्ट्रपति भवन |
नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बहुत बड़ी खबर है। राष्ट्रपति भवन के तकरीबन 100 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। बताया जा रहा है कि एक सफाई कर्मचारी की सास कोरोना पीड़ित थी, सफाई कर्मचारी उनसे मिलने अस्पताल गया था और उस महिला के निधन के बाद अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था। बाद में पता चला कि महिला कोरोना संक्रमित थी।
इसके बाद सफाई कर्मचारी के संपर्क में आनेवाले लोगों
को क्वारंटाइन किया गया है। तकरीबन पचास लोगों की जांच हुई, जो प्रत्यक्ष
संपर्क में आए थे। सबकी पहली रिपोर्ट आज आई है, जो निगेटिव है। एक सप्ताह
बाद फिर सभी कर्मचारियों की जांच होगी। सफाई कर्मचारियों का कुछ अधिकारियों
से भी कॉन्टेक्ट हुआ था। गनीमत की बात है कि राष्ट्रपति,उनके परिवार और
सीधे संपर्क में रहने वाले स्टॉफ से कोई संपर्क नहींं था। अभी करीब सौ
लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 17,656 हुए
देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या सोमवार को
बढ़कर 559 हो गई और संक्रमण के मामले बढ़कर 17,656 हो गए। केन्द्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण से 40
लोगों की मौत हुयी और 1540 नये मामले सामने आये हैं। मंत्रालय के आंकड़ों
के अनुसार अभी देश में कोविड-19 से संक्रमित 14,255 लोगों का उपचार चल रहा
है जबकि 2,841 लोग उपचार के बाद ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पतालों से
छुट्टी दी जा चुकी है। एक व्यक्ति विदेश चला गया है।
इन मामलों में 77 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। एक
दिन में संक्रमण से मरने वाले 40 लोगों में महाराष्ट्र के 12, गुजरात के
नौ, आंध्र प्रदेश के पांच, मध्य प्रदेश के चार, राजस्थान और तेलंगाना के
तीन-तीन और दिल्ली एवं कर्नाटक के दो-दो व्यक्ति शामिल हैं।
संक्रमण के कारण देश में अब तक हुई कुल 559 लोगों की
मौत में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 223 लोगों की जान गई है। उसके बाद मध्य
प्रदेश में 74, गुजरात में 67, दिल्ली में 45, तेलंगाना में 21 और आंध्र
प्रदेश में 20 लोगों की जान गई है। उत्तर प्रदेश में 17 लोगों की मौत हो
चुकी हैं जबकि पंजाब एवं कर्नाटक में 16-16 लोगों की इस संक्रमण के कारण
मौत हुई है। संक्रमण से तमिलनाडु में 15, राजस्थान में 14 और पश्चिम बंगाल
में 12 लोगों की मौत हुई है।
देश में Coronavirus के कुल 17656 पॉजिटिव केस, 2842 लोग हुए ठीक, 559 की मौत
देश में Coronavirus के कुल 17656 पॉजिटिव केस, 2842 लोग हुए ठीक, 559 की मौत |
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस
संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को भारत में कोरोना
वायरस के पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 17656 हो गई है, जिसमें से 14255
सक्रिय मामले हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से यह
जानकारी दी गई है। मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, कुल 17656 संक्रमित
लोगों में से 2842 लोग ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी
गई है। हालांकि, कोरोना वायरस से 559 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता
सम्मेलन में बताया कि लॉकडाउन के पालन को सुनिश्चित किये जाने के कारण देश
में संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर में तेजी से गिरावट दर्ज
की जा रही है। अग्रवाल ने इसे कोरोना के खिलाफ अभियान के लिये सकारात्मक
संकेत बताते हुये कहा कि 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के पहले राष्ट्रीय
स्तर पर मरीजों की संख्या 3.4 दिन में दोगुनी हो रही थी, अब 19 अप्रैल तक
के विश्लेषण के आधार पर यह दर 7.5 दिन हो गयी है।
अग्रवाल ने बताया कि देश के 18 राज्य ऐसे हैं जो मरीजों की संख्या
दोगुनी होने के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी आगे निकल गये हैं। अग्रवाल
ने इसे संक्रमण फैलने की गति में गिरावट का स्पष्ट संकेत बताते हुये कहा
कि आठ से 20 दिन तक की अवधि में जिन राज्यों में मरीजों की संख्या दोगुना
हो रही है उनमें दिल्ली में (8.5 दिन), कर्नाटक (9.2 दिन), तेलंगाना (9.4
दिन), आंध्र प्रदेश (10.6 दिन), जम्मू कश्मीर (11.5 दिन), छत्तीसगढ़ (13.3
दिन), तमिलनाडु (14 दिन) और बिहार (16.4 दिन) शामिल हैं।
अग्रवाल ने कहा कि जिन राज्यों में मरीजों की संख्या 20 से 30 दिन में
दोगुना हो रही है, उनमें अंडमान निकोबार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़,
असम उत्तराखंड और लद्दाख शामिल हैं। जबकि मरीजों की संख्या दोगुनी होने की
दर ओडिशा में 39.8 दिन और केरल में 72.2 दिन पर पहुंच गयी है। उन्होंने
बताया कि देश में तीन जिलों (पुडुचेरी के माहे, कर्नाटक के कोडागु और
उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल) में 28 दिनों से एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला
है।
इस दौरान गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया
कि देश में संक्रमण मुक्त इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन में आंशिक छूट
दिये जाने के मद्देनजर मंत्रालय स्थिति की सतत निगरानी कर रहा है। उन्होंने
बताया कि जिन शहरों में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं
उनमें इसका पालन सुनिश्चित कराने में मदद और स्थिति के आकलन के लिये
मंत्रालय ने छह अंतर मंत्रालयी समूह गठित किये हैं।
श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होने और
लॉकडाउन का शतप्रतिशत पालन नहीं हो पाने वाले जिलों में ये समूह भेजे गये
हैं। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समूह के प्रतिनिधि राजस्थान में जयपुर,
मध्य प्रदेश में इंदौर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी
और 24 परगना और महाराष्ट्र में मुंबई एवं पुणे सहित कुछ अन्य जिलों में
जाकर वस्तुस्थिति की समीक्षा कर लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने में मदद
करेंगे।
उन्होंने बताया कि समूह में स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन सहित अन्य संबद्ध
क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि इसका
मकसद मौजूदा संकट से निपटने के बारे में राज्यों के साथ विशेषज्ञता को
साझा करना है। श्रीवास्तव ने कहा गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को
पत्र लिखकर लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिये भी
कहा गया है।
उन्होंने कहा कि पत्र में राज्यों को कुछ इलाकों में लॉकडाउन का उल्लंघन
होने की घटनाओं का जिक्र करते हुये स्पष्ट निर्देश भी दिये गये हैं कि
इसका पालन सुनिश्चित करने के लिये सख्ती बढ़ा सकते हैं लेकिन लॉकडाउन के
दिशानिर्देशों में ढील कतई नहीं दे सकते। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने
केरल सरकार द्वारा संशोधित दिशानिर्देश बनाने पर चिंता व्यक्त करते हुये
कहा है कि किसी भी राज्य स्थिति में सुधार को देखते हुये केन्द्रीय
दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करना चाहिये।