घर बैठे 10 मिनट में कोरोना वायरस टेस्ट

घर बैठे 10 मिनट में कोरोना वायरस टेस्ट, सिंगापुर की कंपनी ने बनाई किट, NIV पुणे ने दी मान्यता

कंपनी ने यह भी कहा है कि उसकी टेस्ट किट में रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखते हैं तो उसे फिर प्रयोगशाला में ही टेस्ट कराना होगा 

Coronavirus Test Kit by Sensing Self Ltd (Singapore)- India TV
Coronavirus test Kit
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए सिंगापुर की कंपनी सेंसिंग सेल्फ ने एक ऐसी टेस्ट किट तैयार की है जिसके माध्यम से घर बैठे 10 मिनट में टेस्ट किया जा सकता है। कंपनी के इस टेस्ट को पुणे में स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV Pune) ने मान्यता दी है। कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) जिन 11 कंपनियों को मान्यता दी है उनमें सिंगापुर की सेंसिंग सेल्फ कंपनी भी एक है।
कंपनी का दावा है कि उसकी टेस्ट किट से घर बैठे 10 मिनट में कोरोना वायरस का टेस्ट किया जा सकता है। यह टेस्ट किट उसी तरह की दिखती है जिस तरह की टेस्ट किट भारत में प्रेगनेंसी की जांच के लिए इस्तेमाल होती है। 

Sensing Self Ltd Coronavirus test Kit
Coronavirus test Kit

टेस्ट किट में कुल 5 तरह के सामान हैं। सबसे पहला उस उंगली को साफ करने के लिए एल्कोहल का पाउच जिस उंगली से टेस्टिंग के लिए ब्लड लेना है, दूसरा ब्लड निकालने के लिए छोटी सी पिन, तीसरा ब्लड को उंगली से उठाने के लिए ड्रॉपर, चौथा जिस मीटर के ऊपर ब्लड को टेस्टिंग के लिए डालना है और पांचवां वह केमिकल जो मीटर के ऊपर रखे गए ब्लड के ऊपर छोड़ना है ताकि मीटर बता सके कि कोरोना वायरस पॉजिटिव है या निगेटिव। कंपनी का दावा है कि उसकी टेस्ट किट के द्वारा किए गए टेस्ट के सही होने की संभावना 92 प्रतिशत है।

 

Coronavirus Scare: घबराएं नहीं, जारी रहेंगी ये जरूरी सेवाऐं

Coronavirus Scare: घबराएं नहीं, पूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी जारी रहेंगी ये जरूरी सेवाएं

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरा देश मंगलवार रात 12 बजे से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन रहेगा। अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि इस दौरान कौन सी सेवाएं मिलेंगी और कौन सी नहीं। 

 Coronavirus Scare: घबराएं नहीं, पूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी जारी रहेंगी ये जरूरी सेवाएं- India TV

 

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरा देश मंगलवार रात 12 बजे से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन रहेगा। अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि इस दौरान कौन सी सेवाएं मिलेंगी और कौन सी नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरी सेवाएं और दवाएं मिलती रहेंगी। गृह मंत्रालय ने भी इसके लेकर एक गाइडलाइन जारी की है। इस दौरान भी राशन, दूध, सब्जी, फल आदि मूलभूत जरूरत की चीजों की दुकानों के साथ-साथ, बैंक, बीमा कंपनियों के दफ्तर, एटीएम, प्रिंट एंव इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिष्ठान खुले रहेंगे। 

प्रधानमंत्री ने मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए देशभर में मध्यरात्रि से अगले 21 दिनों तक पूर्ण लॉकडाउन का एलान किया। पूर्ण लॉकडाउन के मददेनजर गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लॉक डाउन के दौरान भारत सरकार, इसके स्वायत्त निकायों के दफ्तर समेत अधीनस्थ व सार्वजनिक क्षेत्र के तहत आने वाली कंपनियों के कार्यालय बंद रहेंगे।

लेकिन सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, कोषागार, पेट्रोलियम, सीएनजी, पीएनजी, एलजीपी समेत पब्लिक युटिलिटीज, आपदा, प्रबंधन, उर्जा उत्पादन व वितरण इकाइयां, डाकघर, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, पूर्व चेतावनी देनेवाली ऐजेंसियों की सेवा जारी रहेगी।

इसी प्रकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी और स्वायशासी निकायों व सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के दफ्तर बंद रहेंगे लेकिन पुलिस, गृह रक्षक, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन व कारागार की सेवाएं चालू रहेंगी। इसके अलावा, जिला प्रशासन, कोषागार, बिजली, पानी, सफाई संबंधी सेवाएं जारी रहेंगी। हालांकि इन दफतरों में भी कम से कम कर्मचारी रहेंगे और बाकी सभी दफतरों में सिर्फ घर से काम हो सकता है।

गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, अस्पताल और संबंधित चिकित्सा प्रतिष्ठानों जिनमें सरकारी एवं निजी विनिर्माण व वितरण इकाइयां शामिल हैं वे खुली रहेंगी। मतलब केमिस्ट की दुकानों से लेकर लैब, डिस्पेंसरी बंद नहीं हैं। रोगीवाहन सेवा भी जारी रहेगी और मेडिकल, पैरा मेडिकल व अस्पतलाओं के कर्मचारियों के लिए परिवहन को भी अनुमति है।

लॉकडाउन के दौरान देश में सभी प्रकार के वाणिज्यिक एवं निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। लेकिन सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के तहत संचालित राशन की दुकान समेत, खाद्य पदार्थ, किराने का सामान, फल-सब्जी की दुकानें, डेयरी, मिल्क-बूथ, गोश्त व मछली, पशुचारे की दुकानें खुली रहेंगी।

हालांकि घर से बाहर लोगों का आवागमन कम करने के मददनजर जिला प्रशासन होम-डिलीवरी की सुविधा को प्रोत्साहन दे सकता है। बैंक, एटीएम, बीमा कंपनियों के दफतर खुले रहेंगे। प्रिंट एवं इलेक्टरॉनिक मीडिया के प्रतिष्ठान खुले रहेंगे। दूरसंचार, इन्टरनेट सेवा, प्रसारण व केबल सेवाएं, आइटी और आईटी से संबंधित जो जरूरी सेवाएं हैं जितना भी संभव हो घरों से संचालित होंगी।

खादय पदार्थ, दवाइयां, चिकित्सा उपकरण समेत सभी आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी ई-कॉमर्स के माध्यम से होगी। पेट्रोल पंप, एलपीजी, पेट्रोलियम एवं गैस रिटेल आउटलेट एवं भंडार खुले रहेंगे। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी द्वारा अधिसूचित कैपिटल एवं डेब्ट बाजार की सेवाएं जारी रहेंगी।

कोल्ड स्टोरेज एवं वेयरहाउसिंग की सेवाएं बहाल रहेंगी। प्राइवेट सिक्योरिटी की सेवा जारी रहेगी। अन्य सभी प्रतिष्ठानों में घर से काम किया जा सकता है। जरूरी वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयों के सिवाय सभी औदयोगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। रेल, सड़क एवं हवाई यातायात बंद रहेंगे, लेकिन आवश्यक वस्तुओं का परिवहन जारी रहेगा।

 

बाहर फंसे लोगों को सभी राज्य लाने लगे

बाहर फंसे लोगों को सभी राज्य लाने लगे तो समस्या बढ़ जाएगी- नीतीश

राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों सहित अन्य राज्यों में फंसे लोगों को बिहार वापस बुलाने की मांग को लेकर गरम हुई सियासत के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी राज्य बाहर फंसे लोगों को वापस लाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा।

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पटना. राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों सहित अन्य राज्यों में फंसे लोगों को बिहार वापस बुलाने की मांग को लेकर गरम हुई सियासत के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी राज्य बाहर फंसे लोगों को वापस लाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है। सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, "कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बाहर से आए लोगों की नियमित जांच जरूर करें। कोरोना प्रभावित 4 जिलों में हर परिवार की जांच कराएं।"

उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों में तेजी से अभियान चल रहा है। पल्स पोलियो अभियान की तरह ही एक-एक परिवार को इसमें कवर करना है। मुख्यमंत्री ने कोटा में फंसे छात्रों के मामले में कहा, "कुछ लोग नहीं माने और अपने आप वहां से आ गए, उन्हें बॉर्डर पर नहीं रखा गया बल्कि उनकी जांच कर उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की गई।"

उन्होंने विपक्षी दलों की मांग पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अब कोई कहे कि कोटा में जो लोग हैं, उनको फिर बुलवा लिया जाए। उनकी मांग पर देश के कोने-कोने में भी जो लोग फंसे हुए हैं, अगर सभी राज्य उन्हें वापस बुलाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा। हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है। सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है।"

उल्लेखनीय है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश द्वारा सरकार के कोटा में फंसे छात्रों को वापस बुलाने के फैसले का स्वागत किया था। तेजस्वी ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी एक पत्र लिखा था जिसमें कहा, "गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें जहां अपने राज्यवासियों के लिए चिंतित दिखी और राज्य के बाहर फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम किया वहीं बिहार सरकार ने अपने बाहर फंसे राज्यवासियों को बीच मंझधार में बेसहारा छोड़ दिया है।"

जद (यू) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, "देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है। प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की।"

 

 

 

उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र, कहा- न्यायपालिका के वेतन से भी हो कटौती

जस्टिस अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि वैश्विक महामारी  कोरोना के कारण देश में आपातकाल जैसे हालात  है। पूरा देश पिछले एक माह से लॉक डाउन में  है। यह कोई नहीं जानता की हालत कब सामान्य होंगे।

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इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से पैदा हुए हालात में देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कार्यपालिका ने सांसदों, विधायकों के वेतन से 30 फीसदी की कटौती की है। ऐसे में उच्च न्यायपालिका (हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट) को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में जजों के वेतन से एक साल तक 10 प्रतिशत एवं पेंशन से 5 प्रतिशत प्रति माह की कटौती कराने का सुझाव दिया है। और अपेक्षा की है कि सुपीरियर कोर्ट इस मुद्दे पर विचार करेगी।

उन्होंने इस सुझाव को राष्ट्रपति एवं भारत के मुख्य न्यायाधीश को विचार के लिए भेजे जाने का भी अनुरोध किया गया है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं से भी अनुरोध किया है कि वह कम से कम एक साल तक हर महीने 50 हजार रुपये सरकार को सहायता दें ताकि इस दैवीय, प्राकृतिक आपदा से निपटने में न्यायपालिका की तरफ से भी देश की कुछ मदद की जा सके।

जस्टिस अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि वैश्विक महामारी  कोरोना के कारण देश में आपातकाल जैसे हालात  है। पूरा देश पिछले एक माह से लॉक डाउन में  है। यह कोई नहीं जानता की हालत कब सामान्य होंगे। भारत सरकार और न्यायपालिका के प्रमुख दोनों ही इस समय आर्थिक तंगी का सामना कर रहे। प्रधानमंत्री ने आम नागरिकों से आर्थिक सहयोग मांगा है। इसमें उत्तर प्रदेश की न्यायिक संस्थाएं भी पीछे नहीं रही है। प्रदेश की न्यायपालिका ने सम्मान पूर्वक आर्थिक  योगदान दिया है। लोग भी  स्वेच्छा से मदद को सामने आ रहे हैं।

जस्टिस अग्रवाल का कहना है कि देश की विधायिका के लोग भी स्वतः आगे आए हैं और मंत्रियों तथा सांसदों ने अपने वेतन में एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती की है किन्तु  अब तक न्यायपालिका की ओर से कुछ नहीं किया गया है। जस्टिस अग्रवाल का कहना है कि उच्च न्यायपालिका के कार्यरत जजों को तीस प्रतिशत न सही, कम से कम अपने वेतन से 10 प्रतिशत  और 5 प्रतिशत रिटायर्ड जजों के पेंशन से एक साल तक कटौती करके सरकार को देने की पेशकश करनी  चाहिए।

 

 

उत्तर प्रदेश: नोएडा सेक्टर 15A में मिला कोरोना पॉजिटिव मामला

उत्तर प्रदेश: नोएडा सेक्टर 15A में मिला कोरोना पॉजिटिव मामला, आसपास के इलाके को सील किया गया

उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 15A में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बस आसपास के इलाके को सील किया गया है। कोरोनावायरस उत्तर प्रदेश में लगातार अपने पांव पसार रहा है। 

Uttar Pradesh: Coronavirus positive case found in Noida Sector 15A- India TV
Uttar Pradesh: Coronavirus positive case found in Noida Sector 15A

 

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 15A में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बस आसपास के इलाके को सील किया गया है। कोरोनावायरस उत्तर प्रदेश में लगातार अपने पांव पसार रहा है। शनिवार को प्रदेश में 125 नए मामलों के साथ संक्रमित मरीजों की बढ़कर संख्या 974 पहुंच गई है। कोरोना अबतक 49 जिलों में फैला हुआ है। 
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ़ विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में 199, लखनऊ में 163, गाजियाबाद में 30, गौतमबुद्घनगर (नोएडा) में 95, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर नगर में 30, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 39, वाराणसी में 14, शामली में 22, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 70, बरेली में 6, बुलंदशहर में 15, बस्ती में 16, हापुड़ में 16, गाजीपुर में 5, आजमगढ़ में 6, फीरोजाबाद में 38, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 53 व शाहजहांपुर में 1, बांदा में 3, महराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 4, रायबरेली में 2, औरैया में 6, बाराबंकी में 1, कौशाम्बी में 2, बिजनौर में 22, सीतापुर में 17, प्रयागराज में 1, मथुरा में 4 व बदायूं में 5, रामपुर में 6, मुजफ्फरनगर में 5, अमरोहा में 10 व भदोही में 1, कासगंज में 3, इटावा में 2, संभल में 7, उन्नाव में 1, कन्नौज 4, संत कबीर नगर 1, मैनपुरी में 4, गोंडा में 1 व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रदेश में कोरोना से कुल 14 मौत हो चुकी है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति निरंतर सुधर रही है, जो कि हमारे लिए एक अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन वार्ड में 1025 लोग हैं और 10814 संक्रमण संदिग्ध लोग क्वोरंटीन किए गए हैं। 10 हजार आइसोलेशन बेड और 15 हजार क्वोरंटीन बेड तैयार कर लिए गए हैं।

 

 

 

 

Coronavirus: दिल्ली से राहत भरी खबर

Coronavirus: दिल्ली से राहत भरी खबर, एक दिन में ठीक हुए 134 मरीज

देशभर में फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली से राहत की खबर ये है कि यहां एक दिन में 134 मरीज इस संक्रमण से मुक्त हुए हैं। 

Coronavirus: दिल्ली से राहत भरी खबर, एक दिन में ठीक हुए 134 मरीज - India TV
Coronavirus: दिल्ली से राहत भरी खबर, एक दिन में ठीक हुए 134 मरीज

नई दिल्ली:  देशभर में फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली से राहत की खबर ये है कि यहां एक दिन में 134 मरीज इस संक्रमण से मुक्त हुए हैं। दिल्ली में अबतक कुल 207 संक्रमित लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। राजधानी में पिछले 24 घंटे में एक मरीज की मौत हुई है वहीं एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 1643 है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि शहर में पिछले तीन दिन में कोविड-19 के मामलों में मामूली कमी आयी है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इसमें और कमी आएगी। कोरोना वायरस संक्रमण पर ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा कि शुक्रवार को कुल 2,274 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से केवल 67 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। कुछ दिन पहले तक रोजाना संक्रमण के 180 से 350 मामले आ रहे थे। केजरीवाल ने कहा, ‘‘पिछले तीन दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में मामूली कमी आयी है। मुझे आशा है कि आने वाले दिनों में इसमें कमी आएगी, यह बढ़ेंगे नहीं।’’
 
मुख्यमंत्री ने निषिद्ध क्षेत्र के निवासियों से अनुरोध किया कि वे नियमों का पालन करें और अपने-अपने घरों से बाहर ना निकलें। केजरीवाल ने कहा, ‘‘कुछ निषिद्ध क्षेत्रों में लोग सड़कों पर दिख रहे हैं, जबकि इन इलाकों को कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए सील कर दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भायपूर्ण है कि कुछ निषिद्ध इलाकों में लोग अपने घरों से निकल रहे हैं और पड़ोसियों से मिल रहे हैं।’’

 

लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में अवैध शराब




लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में अवैध शराब की 1,2000 बोतलें जब्त

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शनिवार को हरियाणा के झज्जर और कैथल जिलों में पुलिस ने तस्करी के लिए ले जाई जा रही अवैध शराब की 1,2000 बोतलें जब्त की।

1,2000 bottles of illegal liquor seized in Haryana during lockdown- India TV
1,2000 bottles of illegal liquor seized in Haryana during lockdown

चंडीगढ़: कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शनिवार को हरियाणा के झज्जर और कैथल जिलों में पुलिस ने तस्करी के लिए ले जाई जा रही अवैध शराब की 1,2000 बोतलें जब्त की। झज्जर में पुलिस को जानकारी मिली थी कि आवश्यक खाद्य सामग्रियों के ट्रक में शराब की तस्करी की जा रही है। पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि झज्जर जिले में ट्रक की जांच के दौरान पुलिस को 952 पेटियों में 11, 424 बोतलें मिलीं। 
इन पेटियों को प्याज की 41 थैलियों के नीचे छिपाया गया था। हरियाणा पुलिस ने कैथल जिले में एक अन्य ट्रक के चालक और उसके सहायक को गिरफ्तार कर 100 पेटियों में रखी अवैध शराब की बोतलें जब्त कर ली। पुलिस प्रवक्ता ने यहां कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील कुमार (चालक) और राजबीर उर्फ पोला के रूप में हुई।
उन्होंने बताया कि जिले के धांड रोड पर जांच के दौरान जब कैथल की ओर से आ रहे ट्रक को रुकने का इशारा किया गया, तो चालक तेज गति से वाहन लेकर भागने लगा। पुलिस टीम ने करीब 5 किलोमीटर तक उसका पीछा कर वाहन को रोका और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।



निजामुद्दीन से लौटे शख्स

निजामुद्दीन से लौटे शख्स ने गांववालों के साथ मिलकर अधिकारियों पर हमला किया

दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे एक व्यक्ति ने शनिवार को अपने दो साथियों और कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर ओडिशा के जाजपुर जिले के एक गांव में राज्य सरकार के दो अधिकारियों पर हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया।

प्रतिकात्मक तस्वीर- India TV
प्रतिकात्मक तस्वीर



भुवनेश्वर: दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे एक व्यक्ति ने शनिवार को अपने दो साथियों और कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर ओडिशा के जाजपुर जिले के एक गांव में राज्य सरकार के दो अधिकारियों पर हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, बाद में तीनों को पकड़कर पृथक वास के लिए भेज दिया गया।
 घटना कुआखिया पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गोपीनाथपुर गांव में उस समय हुई, जब जिला अधिकारी रंजन कुमार दास अन्य अधिकारियों के साथ लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के पालन का जायजा लेने पहुंचे। जिलाधिकारी ने कहा, '' जब बीडीओ और तहसीलदार गलियों में लोगों की जांच कर रहे थे, उसी समय मोटरसाइकिल पर सवार बिना मास्क पहने तीन लोग नहीं रूके और गोपीनाथपुर गांव की ओर भाग निकले।'' 

पुलिस ने कहा कि जब दोनों अधिकारियों ने उनका पीछा किया तो तीनों ने कथित तौर पर भीड़ एकत्र करके उन पर हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को बचाया। दास ने कहा कि बाद में जांच में सामने आया कि इनमें से एक आरोपी ने मार्च में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था।

 

कोरोनावायरस: ICMR ने बताया

कोरोनावायरस: ICMR ने बताया- भारत में अब तक कोरोना के 3 लाख 54 हजार से परीक्षण

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि भारत में अब तक कुल 3,72,123 सैंपल का टेस्ट किया गया और कुल 3,54,969 लोगों का टेस्ट किया गया। 

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 नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि भारत में अब तक कुल 3,72,123 सैंपल का टेस्ट किया गया और कुल 3,54,969 लोगों का टेस्ट किया गया। आज 35,494 का टेस्ट किया गया। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 957 मामले सामने आए हैं और 36 लोगों की मौत हो चुकी है। नए मरीज सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 14,792 हो गए हैं। इन मामलों में से 12 हजार 289 कोरोना वायरस के एक्टिव केस हैं। 2015 मरीज अबतक कोरोना वायरस को मात देने में सफल हो गए हैं, जबकि इस बीमारी की वजह से 488 लोगों की मौत हो चुकी है।

घर लौटना चाह रहे प्रवासी शिल्पकार

घर लौटना चाह रहे प्रवासी शिल्पकार ने गुजरात के मंदिर में अपनी जीभ काटी

मध्यप्रदेश के रहने वाले एक प्रवासी शिल्पकार ने गुजरात के बनासकांठा जिले के एक मंदिर में शनिवार को अपनी जीभ काट ली। वह संभवत: लॉकडाउन के कारण हताश था और घर वापस जाना चाहता था। 

Coronavirus lockdown: Homesick migrant men cuts off his tongue at temple in Gujarat- India TV
Coronavirus lockdown: Homesick migrant men cuts off his tongue at temple in Gujarat

 

पालनपुर (गुजरात): मध्यप्रदेश के रहने वाले एक प्रवासी शिल्पकार ने गुजरात के बनासकांठा जिले के एक मंदिर में शनिवार को अपनी जीभ काट ली। वह संभवत: लॉकडाउन के कारण हताश था और घर वापस जाना चाहता था। पुलिस ने यह जानकारी दी। हालांकि, पुलिस ने उन खबरों से इंकार किया है कि शिल्पकार ने मंदिर में देवी को ‘‘चढ़ावा’’ चढ़ाने के लिये अपनी जीभ काटी। मध्यप्रदेश के मुरैना जिला निवासी विवेक शर्मा (24) पेशे से शिल्पकार है। वह शनिवार को सुई गाम तहसील के नादेश्वरी गांव के नादेश्वरी माता मंदिर में खून से लथपथ बेहोश स्थिति में पाया गया। 

पुलिस उपनिरीक्षक एच.डी.परमार ने बताया, ‘‘जब वह हमें मिला उसने अपनी जीभ हाथ में पकड़ी हुई थी। हम उसे तुरंत सुई गाम अस्पताल ले गए।’’ जिस मंदिर में यह घटना हुई, उसकी देखभाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करता है, जबकि शर्मा वहां से करीब 14 किलोमीटर दूर एक दूसरे मंदिर में काम करता था। 

प्रारंभिक जांच के अनुसार, लॉकडाउन के कारण राज्यों की सीमाएं सील होने के बाद शर्मा को घर की बहुत याद सता रही थी और वह व्याकुल हो गया था। बीएसएफ के स्थानीय अधिकारी ने बताया कि शर्मा ने संभवत: सोचा होगा कि देवी को जीभ के रूप में चढ़ावा चढ़ाने से हालात बदल जाएंगे और वह घर जा सकेगा। हालांकि, पुलिस ने कहा कि शर्मा की तबीयत सुधरने और उसका बयान दर्ज करने से पहले वह ऐसी किसी भी चीज की पुष्टि नहीं कर सकती कि वास्तव में क्या हुआ था।

 

 

Lockdown में नहीं निभा सकी पत्नी धर्म,

Lockdown में नहीं निभा सकी पत्नी धर्म, वीडियो कॉल के जरिये पति की अंत्येष्टि में शामिल हुई महिला

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में दिल को झकझोर देने वाली एक घटना में एक महिला 490 किलोमीटर दूर हुए अपने पति के अंतिम संस्कार में वीडियो कॉल के माध्यम से शामिल हुई। 

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मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में दिल को झकझोर देने वाली एक घटना में एक महिला 490 किलोमीटर दूर हुए अपने पति के अंतिम संस्कार में वीडियो कॉल के माध्यम से शामिल हुई। महिला के पति चंद्रकांत का यहां गुरूवार को निधन हो गया था, और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच डोडामार्ग तहसील के मोरले गांव निवासी महिला वसंती बांदेकर के लिए यात्रा करना संभव नहीं था।

महिला के बेटे अमित ने बताया, 'मेरे पिता का कैंसर के कारण 16 अप्रैल को निधन हो गया था। उनके शव को गांव ले जाने का कोई रास्ता नहीं था और न ही अपनी मां को लॉकडाउन के कारण यहां बुला सकता था।'

शोक संतप्त अमित ने बताया कि इस पर हमने वीडियो कॉल की व्यवस्था की जिसके जरिये मां पिताजी को देख कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे सके। चंद्रकांत, लॉकडाउन की घोषणा होने से एक दिन पहले 22 मार्च को इलाज के लिए मुंबई आया था।

 

Coronavirus: महाराष्ट्र

Coronavirus: महाराष्ट्र में अबतक 37 पुलिसकर्मी संक्रमित, कुल मामलों की संख्या 3,648 हुई

महाराष्ट्र में अबतक आठ अधिकारियों समेत कुल 37 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

Coronavirus: महाराष्ट्र में अबतक 37 पुलिसकर्मी संक्रमित, कुल मामलों की संख्या 3,648 हुई- India TV
Coronavirus: महाराष्ट्र में अबतक 37 पुलिसकर्मी संक्रमित, कुल मामलों की संख्या 3,648 हुई

 


मुंबई: महाराष्ट्र में अबतक आठ अधिकारियों समेत कुल 37 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि संक्रमित पुलिसकर्मियों में 29 सिपाही हैं, जो संभवत: लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी करते समय कोविड-19 रोगियों के संपर्क में आ गए होंगे। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर पुलिसकर्मी मुंबई से हैं।
अधिकारी ने कहा, ''लॉकडाउन लागू होने के बाद से लोगों द्वारा पाबंदियों का पालन सुनिश्चित करने के लिये पुलिस दिन रात काम कर रही है। इस दौरान भीड़भाड़ वाले इलाकों और कुछ संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी संक्रमित व्यक्ति की संपर्क में आ गए होंगे।'' उन्होंने कहा, ''शनिवार तक पूरे राज्य में 37 पुलिसकर्मी संक्रमित पाए गए हैं।''
इस बीच एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिये लगभग 52,625 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं। इनमें से 10,729 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 328 नए मामले सामने आने के बाद शनिवार को संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 3,648 हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 328 में से 184 मरीज मुंबई और 78 पुणे के हैं। उन्होंने बताया कि ठाणे शहर में छह, भिवंडी में तीन, ठाणे जिले में तीन, रायगढ़ में पांच, मीरा भायंदर में 11, कल्याण डोम्बिवली में पांच, पालघर में सात, पिंपरी चिंचवड़ में आठ, नागपुर में तीन, नवी मुंबई में दो, सतारा में चार, अकोला, अमरावती, नंदुरबार, पनवेल, औरंगाबाद, वसई विरार और पुणे जिले में संक्रमण का एक-एक मामला सामने आया।

 

 

आईसीएमआर ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन

आईसीएमआर ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के दुष्प्रभावों पर शुरू किया अध्ययन

गंगाखेड़कर ने कहा, “ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की औसत आयु 35 साल है। एचसीक्यू लेने वाले कर्मियों में सबसे ज्यादा देखा गया दुष्प्रभाव पेट में दर्द था जबकि छह प्रतिशत कर्मियों में मितली की शिकायत देखी गयी।” 

ICMR begins study on side effects of hydroxychloroquine- India TV
ICMR begins study on side effects of hydroxychloroquine

 

 

नयी दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शनिवार को कहा कि भारत में जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना उपचार खुद करने के चक्कर में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का सेवन किया है उनमें दवा के दुष्प्रभाव दिखने लगे हैं जिसमें पेट में दर्द, मितली और हाइपोग्लाइसीमिया शामिल है। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि आईसीएमआर ने एचसीक्यू के दुष्प्रभावों पर एक अध्ययन शुरू किया है जिसमें एचसीक्यू लेने वाले कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
गंगाखेड़कर ने कहा, “ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों की औसत आयु 35 साल है। एचसीक्यू लेने वाले कर्मियों में सबसे ज्यादा देखा गया दुष्प्रभाव पेट में दर्द था जबकि छह प्रतिशत कर्मियों में मितली की शिकायत देखी गयी।” उन्होंने कहा कि दो प्रतिशत से भी कम कर्मियों में हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में शर्करा की कमी)देखा गया। उन्होंने कहा कि अब तक किए गए अध्ययन में पाया गया कि एचसीक्यू का सेवन करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में से 22 प्रतिशत को पहले से कोई बीमारी थी। 
उन्होंने कहा, “अध्ययन में सामने आया है कि स्वास्थ्य कर्मी होने के बावजूद उनमें से 14 प्रतिशत ने एचसीक्यू का सेवन करने से पहले अपनी ईसीजी जांच नहीं कराई थी।” गंगाखेड़कर ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कोविड-19 के उपचार और रोकथाम के लिए एचसीक्यू की क्षमता पर अध्ययन कर रहा है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि स्वास्थ्य कर्मियों को डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही दवा का सेवन करना चाहिए। 
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए एचसीक्यू की प्रभावोत्पादता पर अलग से शोध शुरू किया है जिसमें लगभग 480 मरीजों को सूचीबद्ध कर उन पर आठ सप्ताह तक अध्ययन किया जाएगा। आईसीएमआर ने इससे पहले स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों की देखभाल करने वालों के लिए एचसीक्यू के इस्तेमाल का सुझाव दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ अजीथ्रोमाइसिन के इस्तेमाल की सलाह दी थी।

 

 

भारतीय नौसेना के 26 जवान संक्रमित

भारतीय नौसेना के 26 जवान संक्रमित, सरकार ने कहा- देश में 30 प्रतिशत मामले तबलीगी से जुड़े

देश में सशस्त्र बलों में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला बड़ा मामला शनिवार को सामने आया। भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई।

26 Navy personnel in Western Naval Command test positive for coronavirus- India TV
26 Navy personnel in Western Naval Command test positive for coronavirus

नई दिल्ली: देश में सशस्त्र बलों में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला बड़ा मामला शनिवार को सामने आया। भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई। केंद्र ने कहा है कि देश में संक्रमण के जितने मामले आए हैं उसमें 30 प्रतिशत का संबंध दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से है । राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के 25 दिन पूरा होने के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लॉकडाउन के दौरान देश की स्थिति की समीक्षा की और इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का जायजा लिया। देश में लॉकडाउन तीन मई को खत्म होना है। 
अधिकारियों के अनुसार बैठक में शाह को बताया गया कि गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न भागों में फंसे मजदूरों की मदद करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के 14,792 मामले हो गए हैं और मृतकों की संख्या 488 हो गयी है । देश में कोविड-19 की स्थिति को लेकर आयोजित दैनिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, ‘‘23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 47 जिलों में सकारात्मक रूख दिखा। कर्नाटक में कोडागू और पुडुचेरी में माहे नये जिले हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है जहां पिछले 28 दिनों में नये मामले सामने नहीं आए हैं।’’ 
उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में 22 नये जिलों में पिछले 14 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इन जिलों में बिहार में लखीसराय, भागलपुर और गोपालगंज, राजस्थान में उदयपुर और धौलपुर, जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, हरियाणा में रोहतक और आंध्रप्रदेश में विशाखापत्तनम शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के नादिया और हरियाणा के पानीपत में पहले दो हफ्ते में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया था लेकिन वहां संक्रमण के मामले सामने आए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शहर में पिछले तीन दिन में कोविड-19 के मामलों में मामूली कमी आयी है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इसमें और कमी आएगी। अग्रवाल ने बताया कि मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़े अधिकतर मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं। तमिलनाडु में 84 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, दिल्ली में 63 फीसदी, उत्तरप्रदेश 59 फीसदी और आंध्रप्रदेश से 61 फीसदी है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कुल 14,378 मामलों में से 4,291 मामले या 29.8 फीसदी तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन वहां भी मरकज के कार्यक्रम से जुड़े मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए अरूणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का एकमात्र मामला मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। इसी तरह असम में 35 में से 32 मामले और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 12 में से 10 मामले जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान में तैनात भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई हैं। 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी संक्रमित नौसैनिक साजो-सामान और सहयोग शाखा आईएनएस आंग्रे में सेवारत हैं और उनका नौसेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। नौसेना ने संक्रमित कर्मियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि आईएनएस आंग्रे के अंदर बनी रिहायशी इमारतों में सभी निवासियों की जांच की जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी गई है और वे हालात पर करीब से नजर रखे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार शाम अपडेट में कहा है कि देश में संक्रमित लोगों की संख्या 14,792 है और 488 लोगों की मौत हुई है। 

हालांकि, विभिन्न राज्यों से मिली खबरों के आधार पर पीटीआई-भाषा की तालिका के मुताबिक संक्रमण के 14,848 मामले हो चुके हैं और मृतकों की संख्या 500 पार कर गयी है जबकि 2067 लोग ठीक हो चुके हैं । बहरहाल, अग्रवाल ने कहा कि अभी तक कोविड-19 से 1992 मामले यानी 13.85 फीसदी रोगी ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से मरने की दर 3.3 फीसदी है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘मरने वालों में 75.3 फीसदी 60 वर्ष या अधिक उम्र के हैं और 83 फीसदी मामलों में मरीज अन्य रोगों से भी ग्रस्त पाए गए।’’ 

उधर, महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण राज्य में आजीविका गंवा चुके पंजीकृत 12 लाख से ज्यादा निर्माण मजदूरों में प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये देने का फैसला किया है । उत्तरप्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा से छात्रों को लाने के लिए बसों को रवाना किया है । लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे करीब 3,000 छात्र उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भेजी गयी 100 बसों से अपने घर लौटे हैं लेकिन 7,000 और छात्र राजस्थान से लौटने के इंतजार में हैं।

 

 

 

 

Coronavirus: आंकड़े हुये 14792


Coronavirus: पिछले 24 घंटे में सामने आए 957 मरीज, कुल मामले बढ़कर हुए 14,792

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 957 मामले सामने आए हैं और 36 लोगों की मौत हो चुकी है। 

लगातार बढ़ रहे हैं...- India TV
लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के मामले

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 957 मामले सामने आए हैं और 36 लोगों की मौत हो चुकी है। नए मरीज सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 14,792 हो गए हैं। इन मामलों में से 12 हजार 289 कोरोना वायरस के एक्टिव केस हैं। 2015 मरीज अबतक कोरोना वायरस को मात देने में सफल हो गए हैं, जबकि इस बीमारी की वजह से 488 लोगों की मौत हो चुकी है।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लव अग्रवाल ने बताया कि हमारे देश में मृत्यु दर लगभग 3.3% है।  0-45 वर्ष के आयु वर्ग में 14.4% मौतें हुई हैं। 45-60 साल के बीच यह 10.3% है, 60-75 साल के बीच यह 33.1% है और 75 साल से ऊपर की आयु में 42.2% है। लव अग्रवाल ने कहा कि मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़े अधिकतर मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं। तमिलनाडु में 84 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, दिल्ली में 63 फीसदी, उत्तरप्रदेश 59 फीसदी और आंध्रप्रदेश से 61 फीसदी है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कुल 14,378 मामलों में से 4291 मामले या 29.8 फीसदी तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।’’
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन वहां भी मरकज के कार्यक्रम से जुड़े मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का एकमात्र मामला मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। इसी तरह असम में 35 में से 32 मामले और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 12 में से 10 मामले जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 47 जिलों में सकारात्मक रूख दिखा। कर्नाटक में कोडागू और पुडुचेरी में माहे नये जिले हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है जहां पिछले 28 दिनों में नये मामले सामने नहीं आए हैं।’’ उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में 22 नये जिलों में पिछले 14 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इन जिलों में बिहार में लखीसराय, भागलपुर और गोपालगंज, राजस्थान में उदयपुर और धौलपुर, जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, हरियाणा में रोहतक और आंध्रप्रदेश में विशाखापत्तनम शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के नादिया और हरियाणा के पानीपत में पहले दो हफ्ते में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया था लेकिन वहां संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस युद्ध में हमें लगातार सतर्क रहना पड़ेगा।’’ प्रेस कॉन्फ्रेस में गृह मंत्रालय द्वारा बताया गया कि जो विदेशी नागरिक #COVID19 के कारण भारत में फंसे हैं और उनका वीज़ा समाप्त हो गया है या होने वाला है, उनके आवेदन पर विजा की अवधि 3 मई 2020 तक निशुल्क बढ़ाई  जाएगी। यह भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन में फंसे सभी विदेशी नागरिकों के लिए सद्भावना का संकेत है।

 जानिए किस राज्य से सामने आए कितने मामले

Name of State / UT Confirmed cases Cured/ Discharged Death
Maharashtra 3323 331 201
Delhi 1707 72 42
Madhya Pradesh 1355 69 69
Tamil Nadu 1323 283 15
Gujarat 1272 88 48
Rajasthan 1229 183 11
Uttar Pradesh 869 86 14
Telangana 791 186 18
Andhra Pradesh 603 42 15
Kerala 396 255 3
Karnataka 371 92 13
JK+Ladakh 346 56 5
West Bengal 287 55 10
Haryana 225 43 3
Punjab 202 27 13
Bihar 85 37 2
odisha 60 21 1
Uttarakhand 42 9 0
Himachal Pradesh 38 16 1
Chhattisgarh 36 24 0
Assam 35 9 1
Jharkhand 33 0 2
Chandigarh 21 9 0
Andaman and Nicobar Islands 12 11 0
Meghalaya 9 0 1
Goa 7 6 0
Puducherry 7 3 0
Tripura 2 1 0
Manipur 2 1 0
Arunachal Pradesh 1 0 0
Mizoram 1 0 0
Sikkim 0 0 0
Nagaland 0 0 0
Dadra and Nagar Haveli 0 0 0
Total number of confirmed cases in India 14792* 2015 488
Data Source: mohfw.gov.in

 

 

 

 

Uttarakhand Lockdown: ऑनलाइन पढ़ाई पर नहीं क्लासरूम जैसा एतबार, अभिभावकों की बढ़ गई जिम्मेदारी


सार
  •     ज्यादातर अभिभावकों के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई से बढ़ गई उनकी जिम्मेदारी
  •     सरकार की सख्ती के बाद फीस के लिए दबाव नहीं डाल रहे प्राइवेट स्कूल

विस्तार
लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर असर ना पड़े इसलिए कई प्राइवेट और सरकारी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की है। इसमें बच्चों का कोर्स पूरा कराने के साथ ही डाउट भी क्लियर कराए जा रहे हैं। लेकिन अभिभावकों को यह व्यवस्था बहुत ज्यादा रास नहीं आ रही है।
ज्यादातर अभिभावक इसे  खुद के लिए एक नई परेशानी मान रहे हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों पर ही पढ़ाने का जिम्मा डाल दिया गया है। इसमें शिक्षकों के पास भी इतना वक्त नहीं रह गया कि वह हर बच्चे से अलग-अलग बात कर सकें। इसके अलावा उन अभिभावकों के सामने भी दिक्कत है, जिनके एक से ज्यादा बच्चे हैं।

कुछ अभिभावकों का कहना है कि उनका पूरा दिन बच्चे का होमवर्क कराने में ही गुजर जा रहा है। दूसरी ओर, सरकार की सख्ती के बाद प्राइवेट स्कूल फीस के लिए फिलहाल दबाव नहीं बना रहे हैं। इससे अभिभावकों को कुछ राहत मिली है। इस मुद्दे पर अमर उजाला ने कुछ अभिभावकों से बातचीत की।


कुछ छोटे स्कूलों ने भी मोबाइल ऐप बनाये
 
         बड़े स्कूलों की तर्ज पर कुछ छोटे स्कूलों ने भी मोबाइल ऐप बनाये हैं। लेकिन, ये बच्चों के लिए ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। बच्चों को इनसे बहुत ज्यादा हेल्प नहीं मिल रही है। बंजारावाला निवासी सोनिका मिश्रा की बेटी कक्षा एक में पढ़ती है। उन्होंने बताया कि स्कूल ने ऐप बनाया, जिसे उन्होंने डाउनलोड भी कर लिया। लेकिन, इससे कोई फायदा नहीं हुआ।

अब टीचर एक अध्याय विशेष की वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर शेयर करती है। ताकि, इसे देखकर सभी अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ा सकें। अब सवाल ये कि वीडियो भेजना था तो ऐप बनाने की जरूरत क्या है। और अगर अभिभावकों को ही सब काम कराने हैं तो वीडियो बनाकर शेयर कर अपना और हमारा इंटरनेट डाटा क्यों खत्म किया जा रहा है।

स्कूल में एक ऐप उपलब्ध कराया है जिस पर होमवर्क प्रैक्टिस शीट, वर्कशीट सब कुछ भेजी जाती है। टीचर ऑनलाइन वीडियो के जरिए भी बच्चों को समझाने की कोशिश करते हैं। उसके बाद भी अगर कोई दिक्कत रहे तो सीधे फोन पर भी बात कर सकते हैं। लेकिन घर पर स्कूल जैसा माहौल नहीं बन पा रहा है। बच्चे घर पर बहुत ज्यादा पढ़ने को तैयार नहीं होते। - राजेश कुकरेती, नेहरू कॉलोनी

मेरे दो बच्चे राजाराम मोहन राय एकेडमी में पढ़ते हैं। स्कूल टीचर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बच्चों को क्लास दे रही हैं। लेकिन, अधिक बच्चों से कनेक्टिविटी से सर्वर पर लोड होने के कारण तकनीकी दिक्कतें आती रहती हैं। कई बार टीचर की बात समझने में भी दिक्कत आती है।
- मनमोहन जायसवाल, लक्खीबाग
 
व्हाट्सएप पर होमवर्क
स्कूल वाले ऑनलाइन के नाम पर व्हाट्सएप पर होमवर्क भेज देते हैं। पेरेंट्स को बच्चों का होमवर्क कराकर भेजना होता है। ऑनलाइन के नाम पर पेरेंट्स पर ही पढ़ाने का दबाव डाला जा रहा है। टीचर के पास इतना समय नहीं है कि वह हर बच्चे से अलग-अलग बात कर सके। इसलिए ज्यादातर सिर्फ एक वीडियो बनाकर भेज दिया जाता है। इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं लगता। - विनोद रावत, विद्या विहार

स्कूल ने हमें मोबाइल ऐप दिया है, जिस पर रोजाना प्रैक्टिस के लिए काम भी मिलता है। लेकिन हमारे दो बच्चे हैं और मोबाइल एक। ऐसे में दोनों बच्चों को पढ़ाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। हमारे जैसे अभिभावकों को पहले एक बच्चे का काम खत्म कराना होता है फिर दूसरे बच्चे का। फीस के लिए स्कूल ने अब तक नहीं बोला है। - ममता, प्रेमनगर

लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प अच्छा है। प्राइवेट स्कूलों के साथ ही सरकारी में भी हमने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की है। हमारी कोशिश है कि बच्चे घर पर रहते हुए भी अपने कोर्स से जुड़े हुए रहें। दूसरी ओर फीस को लेकर पहले ही आदेश जारी किए जा चुके हैं। सभी स्कूलों को कहा गया है कि वह लॉकडाउन के दौरान किसी भी अभिभावक को फीस जमा कराने के लिए मजबूर ना करें। लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर ही स्कूल फीस ले सकेंगे। फीस के लिए दबाव बनाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। - आशारानी पैन्यूली, मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून



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Arogya Setu (CoronaVirus Testing Application)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जरूर डाउनलोड करें 'Aarogya Setu App', ऐसे करें इस्तेमाल।

1.
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कोरोना वायरस की स्थिति को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में आरोग्य सेतु मोबाइल एप का जिक्र किया। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप को जरूर डाउनलोड करें। साथ ही दूसरे लोगों को मोबाइल एप इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित करें। बता दें कि आरोग्य सेतु एप को अभी तक 2 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। तो चलिए जानते हैं कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप क्या है और यह कैसे काम करता है...

Please downloadAarogyaSetu App for staying informed and alert  against COVID19. Government initiative to develop a digital Bridge to fight against #COVID_19. Download today!
Play Store: bit.ly/AarogyaSetu_PS
ioS: https://apple.co/2X1KMzO

 2.

 क्या है आरोग्य सेतु मोबाइल एप
आरोग्य सेतु एप को कोरोना वायरस के संक्रमित को रोकने के लिए उद्देश्य से बनाया गया है। आरोग्य सेतु एप लोगों को बताएगा कि आप किसी कोरोना संक्रमित शख्स के संपर्क में आए हैं या नहीं। इसके अलावा इस एप से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि आपको कोरोना संक्रमण का कितना खतरा है।

 3.

ऐसे करता है काम
आरोग्य सेतु एप को हिंदी, अंग्रेजी और मराठी समेत 11 भाषाओं में उपलब्ध है। इस एप में कोरोना वायरस के रोकथाम के भी तरीके बताए गए हैं। इसके अलावा यह एप आपकी लोकेशन और ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर बताएगा कि आपको कोरोना संक्रमण का खतरा है या नहीं।


 4.

एप को गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड करने के बाद नाम और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर करना होगा। इसके बाद भाषा का चुनाव करना होगा। एप को खोलते ही में एप बताएगा कि आपको कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है या नहीं।

5.

इस एप में नीचे स्क्रॉल करने पर स्वास्थ्य मंत्रालय का ट्वीट मिलेगा। ट्वीट का अपडेशन रियल टाइम में हो रहा है। डाटा प्राइवेसी को लेकर सरकार ने कहा है कि आरोग्य सेतु एप का डाटा पूरी तरह से एंक्रिप्डेट होगा।

6.

भारत में कोरोना वायरस की स्थिति
भारत में इस समय कोरोना वायरस की वजह से 339 लोगों की मौत हो चुकी हैं और 10363 लोग इससे संक्रमित हैं। वहीं, अभी तक 1035 लोग ठीक हो गए हैं।


Covid19: दुनिया में 3336 भारतीय संक्रमित, 25 की मौत, कुवैत-अमेरिका में सबसे अधिक प्रभावित।

कोरोना वायरस के कारण ब्रिटेन में भी हालात खराब होते जा रहे हैं।  : फोटो

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कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में 3336 भारतीय संक्रमित हुए हैं और 25 की मौत हुई है। इसमें भी कुवैत और सिंगापुर में रह रहे भारतीय सबसे अधिक प्रभावित हैं। अगर आंकड़ों की बात करें तो कुवैत (785), सिंगापुर (634), क़तर (420), ईरान (308), ओमान (297), यूएई (238), सऊदी अरब (186) और बहरीन (135) लोग संक्रमित हैं। दुनियाभर में हुई 25 भारतीयों की मौत में से सर्वाधिक 11 सिर्फ अमेरिका में हुई हैं।
इसके अलावा इटली, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों में भारतीय बड़ी संख्या में संक्रमित हुए हैं। ऐसे में दुनिया के दूसरे मुल्कों की तर्ज पर भारत सरकार ने भी कोरोना  पॉजिटिव लोगों को लाने से मना कर दिया है और वहां मौजूद उच्चायोगों से उनकी मदद करने को कहा है।

भारत सरकार ने तीन मई तक लॉकडाउन को आगे बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय विमानों के रद्द होने की वजह से विदेशों में रह रहे सभी भारतीयों से सुरक्षित घरों में रहने की अपील की है और सावधानी बरतने के लिए कहा है।

दुनियाभर में हुई 25 भारतीयों की मौत में से 11 सिर्फ अमेरिका से हैं। फिलहाल दुनिया में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1 लाख 50 हजार के पार हो गई है और संक्रमितों की संख्या भी 22 लाख से अधिक हो गई है। भारत में भी मामले लगाकर बढ़ रहे हैं और यहां कुल संक्रमितों की संख्या 14000 के करीब होने वाली है और 450 से अधिक की मौत हुई है।

अमेरिका में हालात बेकाबू, एक दिन में 4,500 से ज्यादा मौतें:
 
दुनिया की करीब चार फीसदी आबादी वाला सबसे ताकतवर देश अमेरिका इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के चलते हजारों नागरिकों को खोता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में पहली बार देश में मृतकों का आंकड़ा 4,500 के पार हो गया, जबकि अब तक कुल 33,268 लोग इस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। यानी दुनिया में हुई कुल मौतों में से 24 फीसदी मौतें अकेले अमेरिका में हो चुकी हैं।

हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि महामारी का सबसे बुरा दौर बीत चुका है लेकिन जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़े इसकी पुष्टि करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। अभी तक दुनिया में अमेरिका के भीतर संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले उजागर होने पर ट्रंप ने देश में होने वाले सर्वाधिक परीक्षणों का हवाला दिया था, लेकिन तेजी से बढ़ रही मौतों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है।

बता दें कि पूरी दुनिया में शुक्रवार तक कुल 21,58,076 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,50,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका में अब तक कुल 6,71,151 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि मात्र पिछले 24 घंटे में 4,591 मौतों के साथ अब तक कुल मृतकों का आंकड़ा 33,000 पार कर गया है। मौतों का आंकड़ा तब है जब ट्रंप के मुताबिक अमेरिका पूरी दुनिया में सबसे तेज व सटीक जांच प्रणाली विकसित कर चुका है।



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चारधाम यात्रा 2020: रद्द

चारधाम यात्रा 2020: रद्द हुई सवा करोड़ की बुकिंग तो सरकार ने यात्रियों को दी ये खास सुविधा

फोटो : फाइल फोटो

सार
  •  यात्रा कार्यालय को मिल चुकी दो हजार ईमेल, सैकड़ों कॉल
  •  यात्रियों से बुकिंग रद्द न करने की हो रही अपील
  •  अगले दो वर्षों में कर सकते हैं उपभोग
विस्तार
कोरोना संक्रमण के कारण गढ़वाल मंडल विकास निगम को चारधाम यात्रा के लिए मिली बुकिंग में एक करोड़ 25 लाख की बुकिंग अभी तक रद्द हो चुकी है। जीएमवीएन के यात्रा कार्यालय को बुकिंग रद्द करने के लिए अभी तक दो हजार ईमेल मिल चुकी हैं। साथ ही प्रतिदिन सैकड़ों कॉल आ रही हैं।
इस नुकसान की भरपाई के लिए यात्रियों से बुकिंग रद्द नहीं करने की अपील भी की जा रही है। ऐसे में जीएमवीएन ने यात्रियों को सुविधा दी है कि वे अपनी बुकिंग का अगले दो वर्षों में समयानुसार उपयोग कर सकते हैं। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं।

जबकि 29 अप्रैल को केदारनाथ व 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन वैश्विक महामारी कोराना के चलते देशभर में आगामी तीन मई तक लॉकडाउन चलेगा। बस, ट्रेन और हवाई सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं, जिस कारण धामों के कपाटोद्घाटन पर बाहरी क्षेत्रों से श्रद्धालु नहीं पहुंच पाएंगे।

चार करोड़ की मिली थी बुकिंग
साथ ही सोशल डेस्टेंसिंग को देखते हुए स्थानीय स्तर पर भी लोग नहीं पहुंच पाएंगे। जिस कारण गढ़वाल मंडल विकास निगम को चारधाम यात्रा के लिए आगामी 15 मई तक के लिए मिली चार करोड़ की बुकिंग में से सवा करोड़ की बुकिंग रद्द हो चुकी है।

रद्द हुई बुकिंग में केदारनाथ धाम में 28 अप्रैल से 5 मई तक के 1000 रूम, कॉटेज और ध्यान गुफा की बुकिंग भी शामिल हैं। जीएमवीएन के सहायक प्रधान प्रबंधक पर्यटन यात्रा एसपीएस रावत ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा के लिए 15 मार्च तक चार करोड़ की बुकिंग मिल चुकी थी। लेकिन बीते दस दिनों में सवा करोड़ की बुकिंग रद्द हो चुकी हैं।

जो बुकिंग रद्द हुई हैं, उसमें 80 लाख 30 हजार गेस्ट हाउस में रात्रि प्रवास, 10 लाख टूर-ट्रेवल्स और 21 लाख की अन्य बुकिंग प्रमुख हैं। यात्रियों से बुकिंग रद्द करने के बजाय उसका उपभोग आगामी समय में करने को कहा जा रहा है। यात्री अपनी बुकिंग का अगले दो वर्ष में अपने समय के अनुसार उपभोग कर सकते हैं। साथ ही उन्हें, उसी दर पर भुगतान करना होगा, जिस पर बुकिंग हुई थी।