कोरोना वायरस: लॉकडाउन में और दुकानें खोलने के लिए आए निर्देश



कोरोना वायरस: लॉकडाउन में और दुकानें खोलने के लिए आए निर्देश – प्रेस रिव्यू

कोरोना

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात दिशा निर्देश जारी करते हुए नगर पालिका के अंदर और बाहर आने वाली दुकानों को खोलने को लेकर नियमों में ढील दी.
द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के अनुसार, एक ओर जहां अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई के इलाक़े 'बड़े हॉटस्पॉट ज़िले या उभरते हॉटस्पॉट' बनकर उभरे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार ने ग्रामीण और शहरी इलाक़ों में दुकानों को खोलने को लेकर नियमों में ढील दी है.
हालांकि, यह दिशा निर्देश कोविड कंटेनमेंट ज़ोन और हॉटस्पॉट में लागू नहीं होंगे.
नए दिशा निर्देश के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण इलाक़ों के मार्केट कॉम्प्लेक्स और रिहायशी इलाक़ों में सभी दुकानें खुल सकेंगी. नगर निगम की सीमा के बाहर सभी इलाक़ों को ग्रामीण इलाक़ा माना जा सकता है लेकिन इसमें शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी.
मॉल और बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स अब भी ग्रामीण और शहरी इलाक़ों में नहीं खुल सकेंगे.

डिज़ास्टर मैनेजमेंट क़ानून के तहत राज्य इस दिशा निर्देश को चाहे तो नहीं भी लागू कर सकते हैं.
इस नए दिशा निर्देश को ग्रामीण क्षेत्र में लघु अर्थव्यवस्था को वापस खोलने के तौर पर देखा जा रहा है.
वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों की श्रेणी के तहत अब दुकानें खुल सकती हैं. इसमें नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र शामिल हैं. लेकिन इसमें भी सिर्फ़ वही दुकानें खुल सकेंगी जो 'राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के दुकान एवं स्थापना अधिनियम' के तहत रजिस्टर्ड होंगी.

इसका अर्थ ये हुआ कि शराब की दुकानों समेत वो दुकानें नहीं खुल सकेंगी जो किसी और अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होंगी क्योंकि शराब की दुकान का रजिस्ट्रेशन एक्साइज़ क़ानून के तहत होता है.
शहरी क्षेत्र के मार्केट कॉम्प्लेक्स, सिंगल ब्रैंड और मल्टि ब्रैंड मॉल में मौजूद दुकानें अब भी नहीं खुल सकेंगी. हालांकि, नगर पालिका के बाहर क्षेत्र की 'आवासीय कॉम्प्लेक्स और मार्केट कॉम्प्लेक्स समेत सभी दुकानें' खुल सकेंगी.
इसके तहत दुकानों में सिर्फ़ '50 फ़ीसदी कर्मचारियों की क्षमता' ही काम करेगी और जिनको 'मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना' अति आवश्यक होगा.
वहीं, केंद्र ने गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु के चार ज़िलों को निगरानी में रखा है जहां 5,000 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले हैं. 

डॉक्टर हर्षवर्धन

'ख़राब रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट को वापस भेजेंगे'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए विदेशों से मंगाई गई जिन भी रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट में ख़ामी पाई गई है उनको वापस भेजा जाएगा, चाहे वो चीन से आई हो या कहीं और से.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया का कहना है कि वीडियों कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह बातें कहीं.

कोविड-19 को लेकर किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा, "एंटीबॉडी टेस्टिंट किट्स अगर ठीक से काम नहीं कर रही हैं तो उन्हें वापस किया जाएगा, चाहे वो चीन से आई हों या किसी और देश से. हमने किट के लिए अभी तक भुगतान नहीं किया है."
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि टेस्ट के परिणाम अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकते हैं और इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इसके परिणाम कितने सटीक हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर टिपप्णी नहीं की है. टेस्ट और किट कितने सक्षम हैं आईसीएमआर इसकी समीक्षा कर रहा है और वह जल्द ही नए दिशा निर्देश के साथ सामने आएगा.

 दिल्ली दंगे

दिल्ली दंगे: छात्र नेता, पीएफ़आई पुलिस के रडार में

फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस पॉप्युलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) और जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी (जेसीसी) के कई सदस्यों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है.
अंग्रज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दो छात्रों और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद समेत चार लोगों पर ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस कुछ और लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने जा रही है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दिल्ली पुलिस पीएफ़आई, जेसीसी, पिंजरा तोड़, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के कई सदस्यों समेत दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू के पूर्व और वर्तमान छात्रों पर कार्रवाई कर सकती है.
इन सबके अलावा पुलिस की रडार में एक प्रोफ़ेसर भी है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसने जिन नौ लोगों को गिरफ़्तार किया है उनकी वॉट्सअप चैट से मालूम चला है कि ये सभी संगठन एक-दूसरे के संपर्क में थे.