कोरोना वायरस के बारे में आपके हर सवाल का जवाब

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कोरोना वायरस से जुड़े सवाल और उनके जवाब, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी


1. कोरोनोवायरस क्या है?
    कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है, जो इंसानों और जानवरों में हो सकता है। इसका संबंध विषाणुओं के एक ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।



2. COVID-19 क्या है?
    COVID-19 कोरोनावायरस का आधिकारिक नाम है। यह नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया है।

 कोरोनावायरस: आज ही उठाएं ये 10 कदम, संक्रमण का खतरा होगा कम

         
        चीन से फैले खतरनाक कोरोनावायरस ने अब दिल्ली में भी दस्तक दे दी है। इस खतरनाक वायरस से अब तक करीब 3000 लोगों की जान जा चुकी है और 90 हजार के आसपास लोग संक्रमित हैं। समस्या यह है कि अभी तक इसका इलाज नहीं ढूंढा जा सका है।
         चीन के बाद इस वायरस ने ईरान, हांगकांग, जापान, इटली समेत दर्जनों देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोनावायरस के दो नए मामले सोमवार को भारत में सामने आए हैं। एक दिल्ली में और दूसरा तेलंगाना में। देश में अब तक कुल पांच मरीजों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है।



         ऐसे में एहतियाती कदम ही सबसे बड़ा बचाव साबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एडवाइजरी के मुताबिक रोजमर्रा के जीवन में हम अगर हम छोटे-छोटे काम करते हैं, तो संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा।

1. नियमित तौर पर हाथ धोएं

    दिन में कई बार नियमित तौर पर साबुन और पानी से हाथ को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। बैक्टीरिया मारने वाला अच्छा सेनेटाइजर का भी उपयोग कर सकते हैं।
    ऐसा करने से हाथों पर रहने वाले वायरस से छुटकारा मिल जाएगा।

2. उचित दूरी बनाकर रखें

    अपने आसपास के लोगों के साथ कम से कम 3 फीट का फासला बनाए रखने की कोशिश करें। खासतौर से उस व्यक्ति से जिसे खांसी या जुकाम हो।
    जब कोई व्यक्ति खांसता है या छींकता है, तो हवा में वायरस फैल जाते हैं। अगर आप ज्यादा करीब रहेंगे तो सांस के रास्ते ये वायरस आपके शरीर में जा सकता है।

3. नाक, मुंह और आंखों को बार-बार न छुएं

    अक्सर हम अपनी नाक, मुंह और आंखों को बार-बार छूते रहते हैं। ऐसा न करें।
    हथेलियां कई सतहों को छूती हैं। ऐसे में उस पर वायरस होते हैं। दूषित हथेली से वायरस नाक, मुंह या आंखों के जरिए शरीर में जा सकता है।

4. छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें

    अपने आसपास सफाई का खासतौर से ख्याल रखें। ध्यान रहे कि छींकते या खांसते वक्त नाक और मुंह को टिशू से ढंक लें और तुरंत बाद इस टिशू को डस्टबीन में फेंक दें।
    छींकने से निकलने वाले तरल पदार्थ में ढेरों वायरस होते हैं और ये तेजी से फैल सकते हैं।

5. बुखार, खांसी-जुकाम को हल्के में न लें ।


Coronavirus: पहले दिन से 15वें दिन तक इन लक्षणों से जानें आपको कोरोना है या नहीं? कैसे हो रही मौतें?

       चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है। हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में अबतक कोरोना संक्रमण स्टेज-2 में है और इसे स्टेज-3 से रोकने के लिए एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें बड़े कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर इसके इलाज की दवा और वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिक लगे हुए हैं। इस बीच लोगों में एक तरह के भय का माहौल भी है। कोरोना वायरस के लक्षण सर्दी-बुखार और सीजनल फ्लू से थोड़े बहुत मिलने के कारण लोग संशय(कन्फ्यूजन) में हैं। आपका संशय दूर करने के लिए यहां हम आपको बता रहे हैं कि पहले दिन से 15वें दिन तक कोरोना वायरस शरीर को कैसे प्रभावित करता है और मरीजों में कैसे लक्षण दिखते हैंचीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है। हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में अबतक कोरोना संक्रमण स्टेज-2 में है और इसे स्टेज-3 से रोकने के लिए एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें बड़े कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर इसके इलाज की दवा और वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिक लगे हुए हैं। इस बीच लोगों में एक तरह के भय का माहौल भी है। कोरोना वायरस के लक्षण सर्दी-बुखार और सीजनल फ्लू से थोड़े बहुत मिलने के कारण लोग संशय(कन्फ्यूजन) में हैं। आपका संशय दूर करने के लिए यहां हम आपको बता रहे हैं कि पहले दिन से 15वें दिन तक कोरोना वायरस शरीर को कैसे प्रभावित करता है और मरीजों में कैसे लक्षण दिखते हैं:

      चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित 191 मरीजों के इलाज में हो रही प्रोग्रेस के विश्लेषण के आधार पर मेडिकल रिसर्च जर्नल लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस (covid 19) गले के पीछे से पहले फेफड़ों में जाता है और फिर ब्लड में प्रवेश कर जाता है। बुधवार को प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक से 14 दिन के अंदर मरीज में इसके संक्रमण के लक्षण दिख जाते हैं, जबकि कुछ मामलों में यह अवधि 27 दिन तक भी होती है। आइए, आगे हम जानते हैं कोरोना वायरस का आपके शरीर पर कैसे पड़ता है असर:

1-3 दिन: लक्षणों की शुरुआत 
  • सांस संबंधी लक्षणों के साथ शुरू हो सकता है
  • पहले दिन हल्का बुखार जैसा फील होता है
  • तीसरे दिन तक कफ और गले में खराश
कोरोना के 80 फीसदी मरीजों में ऐसे लक्षण दिखे।

4-9 दिन: फेफड़ों में असर


  • 3 से 4 दिन में वायरस फेफड़ों तक पहुंच जाता है
  • चौथें से नौवें दिन के बीच सांस लेने में दिक्कत बढ़ जाती है
  • फेफड़ों की थैली या एल्वियोली में सूजन शुरू हो जाता है
  • फेफड़ों की थैली में तरल पदार्थ भर जाता है और मवाद निकलने लगता है
  • इस कारण सांस की दिक्कत और ज्यादा हो जाती है।
संक्रमित मरीजों में से 14 फीसदी में ये गंभीर लक्षण दिखे।



8-15 दिन: रक्त संक्रमण
  • फेफड़ों से होकर संक्रमण हमारे ब्लड में पहुंच जाता है
  • एक हफ्ता बीतने के साथ ही सेप्सिस जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है
  • संक्रमित पांच फीसदी ऐसे मरीजों को आईसीयू में रखना जरूरी हो जाता है
       सेप्सिस, ब्लड में बैक्टीरिया संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है, जिसमें सूजन, खून के थक्के बनने और ब्लड वेसेल्स यानी रक्त वाहिकाओं से रिसाव होने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन खराब हो जाता है और शरीर के अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और वे धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते है।


        अब सवाल यह भी है कि आखिर कोरोना की वजह से लोगों की मौतें कैसे हो रही हैं। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों की मौत के पीछे खून में ऑक्सीजन की कमी होने से सांसों का बंद होना और हार्ट अटैक एक सामान्य वजह रही। 191 मरीजों पर शोध करने पर पाया गया कि इन मरीजों के संक्रमण और अस्पताल के छुट्टी के बीच औसत समय 22 दिन है। वहीं, इलाज के दौरान 18.5 दिनों में मत्यु हुई।

        191 में से जिन 32 मरीजों को वेंटीलेटर की आवश्यकता हुई, उनमें से 31 की मौत हो गई। वेंटीलेटर पर रखे मरीजों के मरने का औसत समय मात्र 14.5 दिन रहा। तीन मरीजों को फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के बाद उसे ब्लड में मिलाने के लिए भी मेडिकल सहायता देनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद इनमें से एक भी जिंदा नहीं बचे।
         रिसर्च टीम को लीड कर रहे कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी चीन के विशेषज्ञ बिन काओ के मुताबिक अस्पताल से मरीज की छुट्टी के समय कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए। वह कहते हैं कि वायरस की संक्रमण अवधि में मरीज को एकांत में रखना चााहिए ऐसा नहीं करने पर उसकी मौत हो सकती है।

Helping Health Tips By - #InfoByGuru Ji

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